मुख्यमंत्री मोहन यादव का रामघाट दौरा, लगाई शिप्रा में आस्था की डुबकी: सफाई मित्रों का किया सम्मान, शिप्रा तट से दिया जल संरक्षण का संदेश!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन – यह नगर केवल महाकाल की नगरी नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की धड़कन है। और जब संस्कृति को जल का आशीर्वाद मिलता है, तो वह आस्था की लहर बनकर जन-जन के जीवन में उतरती है। इसी भाव के साथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन स्थित पवित्र रामघाट पर “जल गंगा संवर्धन अभियान” में भाग लेकर न केवल एक संवेदनशील संदेश दिया, बल्कि सेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने रामघाट पर स्वच्छता कार्य में सहभागिता की, स्वयं घाट की सफाई की और शिप्रा मैया के पावन जल में डुबकी लगाकर जन-जन को जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने पंचकोशी परिक्रमा पर आने वाले श्रद्धालुओं और सफाई मित्रों का स्वागत करते हुए कहा कि आगामी कुम्भ पर्व के लिए सरकार पूरी तैयारी में है।
कुंभ 2028 के लिए जलमार्ग और घाटों का विशाल विस्तार
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उज्जैन में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सिध्दनाथ से त्रिवेणी तक 29 किलोमीटर के नए घाट विकसित किए जा रहे हैं। वर्तमान में मौजूद 6 किलोमीटर के घाटों को मिलाकर कुल 35 किलोमीटर लंबा घाट क्षेत्र होगा, जो देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा।
कुम्भ के दौरान नौकायन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। श्रद्धालु शनि मंदिर से रामघाट, गऊघाट से लालपुर और मंगलनाथ से रामघाट तक नौका यात्रा करके आ-जा सकेंगे। यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि आस्था और पर्यावरणीय संतुलन का एक नया अध्याय होगा।
पंचकोशी यात्रा और शिप्रा तट की शुद्धता
सीएम ने कहा कि उज्जैन की पंचक्रोशी यात्रा एक पुरानी और पवित्र परंपरा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हर साल भाग लेते हैं। इस वर्ष भी 23 से 27 अप्रैल तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान, श्रद्धालु शिप्रा नदी के तट पर स्नान करेंगे। ऐसे में घाटों की स्वच्छता और नदी जल की शुद्धता सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से नदी की तली में जमा गंदगी को हटाने की बात कही, जिससे श्रद्धालु निर्मल जल में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकें।
सफाई मित्रों का सम्मान, सेवा की प्रेरणा
रामघाट पर मुख्यमंत्री ने सफाई मित्रों को सम्मानित करते हुए कहा कि “जल हमारा जीवन है, इसका संरक्षण हम सबका धर्म है।” उन्होंने सभी नागरिकों से जल स्रोतों की शुद्धता बनाए रखने की अपील की और कहा कि जल के संरक्षण के लिए जनभागीदारी ही सबसे बड़ा माध्यम है।
सीएम की सोशल मीडिया पर अपील: एक कदम जल संरक्षण की ओर
अपने सोशल मीडिया संदेश में मुख्यमंत्री ने लिखा, “एक कदम जल संरक्षण की ओर… आज उज्जैन स्थित रामघाट पर सफाई मित्रों संग “जल गंगा संवर्धन अभियान” के अंतर्गत स्वच्छता कार्य में सहभागिता की और सफाई मित्रों को सम्मानित किया। क्षिप्रा मैया की कृपा से स्वच्छता, विकास और जनकल्याण के समस्त कार्य पूर्ण हो रहे हैं। मैया के आशीर्वाद से जल संरक्षण का पुनीत संकल्प भी पूरा हो, यही कामना है। हम सब जानते हैं कि जल हमारे जीवन का मूल आधार है, इसका संरक्षण हमारा कर्तव्य है। आइए, हम सब मिलकर जलस्रोतों को स्वच्छ बनाएं और संरक्षित करें। “